भारत एक कृषि-प्रधान देश हैं और इसलिए कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक कृषि भारत की जीडीपी में 18।2% का योगदान देती है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आज के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाले जमाने में भी कृषि का कितना महत्व है और खासतौर पर भारत में इसका महत्वपूर्णता अन्य देशों की तुलना कहीं अधिक है।
ऐसे में भारत की बढ़ती जनसंख्या कृषि के भविष्य के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। जैसे-जैसे भारत की जनसंख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी हो गया होता जा रहा है। यही कारण है कि भारत कृषि में अपने-आप को और भी मजबूत बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करके खेती करने के नए-नए तरीकों की तलाश कर रहा है।
AVPL International किस चीज की कंपनी है?
इस क्षेत्र में एक भारती कंपनी AVPL International ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जो ड्रोन का उपयोग करके खेती करने की और किसानों को सिखाने की कोशिश कर रहा है। इस स्टार्ट-अप की शुरुआत 8 साल पहले प्रीत संधू ने की थी, जो ड्रोन-एज़-ए-सर्विस (DaaS), ड्रोन निर्माण, ड्रोन और स्किल ट्रेनिंग जैसी कई सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा यह कंपनी रे भारत में कृषि-इनपुट खुदरा दुकानों की एक चेन भी संचालित करती है।
इसका प्रमुख ड्रोन, VIRAJ UAS, अलग-अलग कामों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें बीज प्रसारण, रासायनिक छिड़काव और रिमोट पायलट प्रशिक्षण शामिल हैं।
कंपनी की फाउंडर प्रीत संधू ने बताया कि, “मई 2024 में, हमारे कृषि ड्रोन VIRAJ को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से एक छोटे वर्ग के हेक्साकोप्टर RPAS UAS के तहत उचित डिजाइन, मेटिरियल, स्पेसिफिकेशन्स, कंस्ट्रक्शन और सेफ ऑपरेशन के लिए सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है।”
गुरुग्राम स्थित इस स्टार्टअप ने ड्रोन असेंबली यूनिट शुरू की है और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 24-25 तक 500 ड्रोन बेचना है। यह इस साल के अंत तक 1,200 करोड़ रुपये के इस्टीमेटेड वैल्यूशन के साथ अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए भी तैयार है।
इसकी शुरुआत कैसे हुई?
पंजाब की रहने वाली प्रीत संधू कहती हैं कि वह हमेशा से ग्रामीण क्षेत्र के लिए काम करना चाहती थीं। इस वजह से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने पंजाब के कॉलेजों में ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग सर्विस प्रदान करना शुरू कर दिया। बाद में, उन्होंने पाया कि ग्रामीण युवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा विकसित NSDC और स्किल इंडिया (Skill India) सहित कई सरकारी कार्यक्रम और अभियान उपलब्ध हैं।
उन्होंने सरकारी कार्यक्रमों से मदद लेना शुरू किया और उसके बाद उन्होंने ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने की शुरुआत की। उसके बाद 2023 में प्रीत सिंधू को पता चला कि कैसे भारत सरकार ड्रोन इंडस्ट्री का विस्तार कर रही है। इस वजह से संधू ने ड्रोन की दुनिया में कदम रखा।
स्विस स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट, जिनेवा से पोस्ट ग्रेजुएट, संधू ने 2016 में AVPL इंटरनेशनल की शुरुआत की थी। संधू ने यॉरस्टोरी से बातचीत करते हुए बताया कि, “इस व्यापक ड्रोन-ए-ए-सर्विस और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के साथ, हमारा लक्ष्य कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण के भविष्य को बेहतर करना है। हम वर्ल्ड-क्लास एडवांस ड्रोन बनाकर भारत को ड्रोन टेक्नोलॉजी का वर्ल्ड लीडर बनाना चाहते हैं।”
1,30,000 भारतीय छात्रों को मिली ट्रेनिंग
इस स्टार्ट-अप ने अभी तक भारत में 1,30,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया है। AVPL के पास किसानों को सशक्त बनाने और छोटे उद्यमियों को तैयार करने के लिए एक समर्पित टीम है। उनके ये टीम ग्राम पंचायतों, BDOs और गांव स्तर पर अन्य सरकारी निकायों से मिलती है और किसानों और ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित होने में मदद करती है।
संधू के अनुसार, AVPL के ट्रेनिंग सेंटर DGCA-सर्टिफाइड हैं और ये टीम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करती है। महिलाओं और युवाओं सहित किसान प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आस-पास के केंद्रों पर आते हैं। 2016 से, कंपनी ने किसानों के प्रशिक्षण को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC), IFFCO और भारतीय कृषि कौशल परिषद जैसे कई संगठनों के साथ कॉलेबरेशन किया है। इन कार्यक्रमों में रिमोट पायलट प्रशिक्षण, ड्रोन संगठन प्रशिक्षण, कृषि ड्रोन ऑपरेटर प्रशिक्षण और ड्रोन ऑपरेटरों के लिए डुअल सर्टिफिकेशन शामिल हैं।
फाउंडर ने बताया कि, “2021-22 में, हम केवल दो राज्यों में परिचालन कर रहे थे और हमारे पास 6 सेंटर्स और 1 ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट सुविधा थी। आज हम 12 राज्यों में मौजूद हैं और NSDC की मदद से 70 से ज्यादा स्किल और इनक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए हैं, ताकि हम कृषि उद्यमियों और ड्रोन उद्यमियों की एक नई पीढ़ी तैयार कर सकें।”
उन्होंने कहा कि, “ये केंद्र ड्रोन, IoT, कृषि और अन्य क्षेत्रों के वैश्विक रोजगार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे IITs और IIMs से सर्टिफिकेट कोर्स और एनएसडीसी इंटरनेशनल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मान्यता निकायों के साथ डुअल सर्टिफिकेशन कार्यक्रम भी प्रदान करते हैं। 10वीं/12वीं पास करने वाला कोई भी व्यक्ति इन ट्रेनिंग कोर्स में शामिल हो सकता है।
उन्होंने आगे बताया, “ऑस्ट्रेलिया, यूएसए और नीदरलैंड में एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ हमारे सहयोग का उद्देश्य भारत के स्किल्ड कर्मचारियों को ग्लोबल स्टैंडर्ड के लेवल तक ट्रेन्ड करना और कर्मचारियों को वैश्विक मानकों तक बढ़ाना और दुनिया भर में उनके करियर के अवसरों का विस्तार करना है।
चूंकि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार द्वारा समर्थित हैं, इसलिए इसमें 100% छात्रवृत्ति या बहुत मामूली फीस लगती है।”
8 राज्यों में ड्रोन स्प्रे ऑपरेशन शुरू
इसके अलावा, स्टार्टअप ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) के सहयोग से आठ प्रमुख राज्यों- गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में 50 लाख एकड़ में ड्रोन स्प्रे ऑपरेशन शुरू किया है। हाल ही में, कंपनी ने किसानों को बेहतर उपकरण और संसाधन प्रदान करने के लिए देहात (DeHaat) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है। एवीपीएल इंटरनेशनल ड्रोन उद्यमियों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण भी देगा, जिन्हें किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए देहात (DeHaat) स्टोर्स पर नियुक्त किया जाएगा।